Madhu varma

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लेखनी आरती संग्रह -सन्तोषी माताजी की आरती

सन्तोषी माताजी की आरती

मैं तो आरती उतारूं रे सन्तोषीमाता की l
जय जय सन्तोषी माता जय जय मां l

बड़ी ममता है बड़ा प्यार मां की आँखे में l
बड़ी करुणा बड़ी दुलार मां की आँखों में l
क्यू न देखू मैं बरम्बार मां की काँखों में l
देखो हर घड़ी नया चमत्कार मां की आँखों में l

नृत्य करूँ छम २ झूम २ झूम २
झां की निहारूं रे , ओ प्यारी २ झां की निहारूं रे

सदा होती है जय जयकार मां के मन्दिर में
सदा मजीरे करें पुकार मां के मन्दिर में
दीप धरूं धूप करूँ प्रेम सहित भक्ति वरु
जीवन सुधारूं रे ओ प्यारा २ जीवन सुधारूं रे

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